भारत की जानी-मानी अर्थशास्त्री Radhika Pandey के निधन की खबर ने शैक्षणिक और नीति निर्माण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई प्रभावशाली लेख, शोध और नीति-संस्थानों के साथ कार्य किया था। उनके आकस्मिक निधन की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है।
अभी तक उनकी मृत्यु के पीछे की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार यह एक sudden medical condition हो सकती है। उनके सहयोगियों, छात्रों और रिसर्च कम्युनिटी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके द्वारा दिए गए योगदान को याद किया।
Radhika Pandey, National Institute of Public Finance and Policy (NIPFP) से जुड़ी रहीं और वह वित्तीय नीति, मौद्रिक नीति और डेटा आधारित रिसर्च में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती थीं।
उनके करियर की झलक:
- NIPFP (National Institute of Public Finance and Policy) में वर्ष 2008 से कार्यरत थीं।
- इससे पहले वे National Law University (NLU), Jodhpur में प्रोफेसर थीं जहाँ उन्होंने finance, law और regulation जैसे विषय पढ़ाए।
- उन्होंने Banaras Hindu University से BA in Economics, और Jai Narain Vyas University (पूर्व नाम: University of Jodhpur) से MA व PhD की डिग्री हासिल की थी।

Renowned Economist Radhika Pandey का निधन – जानिए क्या थी वजह
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, लेखिका और नीति विशेषज्ञ Dr. Radhika Pandey का शनिवार को Institute of Liver and Biliary Sciences (ILBS), New Delhi में निधन हो गया। हाल ही में उन्होंने liver transplant के लिए एक आपातकालीन सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर बनी रही और अंततः उनका निधन हो गया।
Dr. Radhika Pandey, National Institute of Public Finance and Policy (NIPFP) में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं और उन्हें macroeconomics में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव था। उन्होंने वित्तीय नीतियों, मौद्रिक ढांचे और आर्थिक सुधारों पर कई प्रभावशाली शोध किए थे।
उनकी असामयिक मृत्यु ने भारतीय आर्थिक और नीति अनुसंधान जगत को गहरे शोक में डाल दिया है। सोशल मीडिया और शोध जगत से जुड़े कई लोगों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक सच्चे विद्वान और समर्पित अर्थशास्त्री के रूप में याद किया।
Radhika पिछले कुछ समय से बीमार थीं और उन्हें ILBS Hospital में acute liver failure के चलते भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि उन्हें पहले typhoid हुआ था, जिसने उनके liver को प्रभावित किया। इसके बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गई और jaundice की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
कुछ ही दिनों में उनकी तबीयत और गंभीर हो गई और लगातार तेज बुखार बना रहा। इलाज के दौरान ही उनकी स्थिति अचानक और नाजुक हो गई, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
Radhika Pandey के काम का असर Indian Government Policies पर साफ देखा जा सकता है। उन्होंने NIPFP (National Institute of Public Finance and Policy) को 2008 में जॉइन किया था। इससे पहले वह National Law University (NLU), Jodhpur में प्रोफेसर थीं, जहाँ उन्होंने postgraduate छात्रों को finance, law और regulation पढ़ाया।
उन्होंने अपनी MA और PhD in Economics की पढ़ाई Jai Narain Vyas University (पूर्व में University of Jodhpur) से पूरी की और अपनी BA in Economics की डिग्री Banaras Hindu University से हासिल की थी।
Radhika अपने पीछे पति Sanjay और बेटे Kanishk को छोड़ गई हैं। उनका अचानक जाना भारतीय आर्थिक अनुसंधान के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।